Saturday, April 13, 2013

हैनरी फोर्ड

एक युवक ने जब हैनरी फोर्ड से कहा कि "मैं भी हेनरी फोर्ड के समान संपन्न बनना चाहता हूँ । कृपया मेरा मार्गदर्शन कीजिए ।" हैनरी फोर्ड ने जो उत्तर दिया वह हर भौतिक महत्त्वाकांक्षी को प्रेरणा दे सकता है । फोर्ड ने उत्तर दिया, 'किसी भी कीमत पर अपनी प्रामाणिकता बनाए रखो, मनोयोग एवं सतत् श्रम का अवलंबन लेकर व्यवसाय क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हो ।’ एक सामान्य से ओटोमोबाइल मैकेनिक के रूप में फोर्ड ने अपने जीवन क्रम का आरंभ किया तथा पुरुषार्थ के सहारे सफलता की चोटी पर जा पहुँचे । फोर्ड को ओटोमोबाइल उद्योग का संस्थापक माना जाता है । मोटर कारखाना की स्थापना के समय उनकी इच्छा थी कि इतनी सस्ती कारों का निर्माण करें कि प्रत्येक कर्मचारी को उपलब्ध हो सके । सन् 1930 में फोर्ड कपंनी से निकलने वाली कार की कीमत मात्र 300 डालर थी । फोर्ड कपंनी के सामने हर समय 70,000 कारें खड़ी रहती थीं जो मात्र कंपनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों की थीं, सन् 1937 में मृत्यु के समय हेनरी विश्व के सबसे संपन्न व्यक्ति माने गए । फोर्ड शांति के पक्षपाती थी । उन्होंने फोर्ड फाउंडेशन की स्थापना द्वारा अपने करुण हृदय का परिचय दिया । खरबों डालर की राशि से स्थापित यह संस्था मानवतावादी कार्यों में लगी है ।
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य,
बड़े आदमी नहीं महामानव बनें, पृ. १२"

“Maintain your honesty at any cost and strive in the profession with hard-work and strongly positive attitude”.


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