Wednesday, November 18, 2020

दुनिया रंग बिरंगी

 *एक फोटोग्राफ़र ने दुकान के बाहर बोर्ड लगा रखा था।*

*20 रु. में - आप जैसे हैं, वैसा ही फोटो खिंचवाएँ।*

*30 रु.में - आप जैसा सोचते हैं, वैसा फोटो खिंचवाएँ।*

*50 रु. में - आप जैसा लोगों को दिखाना चाहें,  वैसा फोटो खिंचवाएँ।*


*बाद में उस फोटोग्राफर ने  अपने संस्मरण में लिखा,*

 

*मैंने जीवनभर फोटो खींचे, लेकिन किसी ने भी 20 रु.वाला फोटो नहीं खिंचवाया, सभी ने 50 रु. वाले ही खिंचवाए....*


*दोस्तो, बस कुछ ऐसी ही हक़ीक़त है- ज़िंदगी की...*


*हम  हमेशा दिखावे के लिए ही जीते रहे है, हमने कभी अपनी वो 20 रुपये वाली जिंदगी जी ही नही!!!*


दोस्तों, ये दुनिया भी कितनी निराली है!


*जिसकी आँखों में नींद है ….

उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं …

जिसके पास अच्छा बिस्तर है …….

उसकी आँखों में नींद नहीं …*


*जिसके मन में दया है ….

उसके पास किसी को देने के लिए धन नहीं* ….

*और जिसके पास धन है उसके मन में दया नहीं …*


*जिन्हे कद्र है रिश्तों की …

उन से कोई रिश्ता रखना नही चाहता....*

*जिनसे रिश्ता रखना चाहते हैं ….

उन्हें  रिश्तों की कद्र नहीं* 


*जिसको भूख है उसके पास खाने के लिए भोजन नहीं….

* और जिसके पास खाने के लिए भोजन है ………

उसको भूख नहीं…*


*कोई अपनों के लिए….

रोटी छोड़ देता है…तो कोई रोटी के लिए…..

अपनों को….*


*है ना ये दुनिया निराली !!*


         

Monday, November 9, 2020

सबसे बड़ी समस्या


बहुत समय पहले की बात है एक महाज्ञानी पंडित हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहते थे . लोगों के बीच रह कर वह थक चुके थे और अब ईश्वर भक्ति करते हुए एक सादा जीवन व्यतीत करना चाहते थे . लेकिन उनकी प्रसिद्धि इतनी थी की


लोग दुर्गम  पहाड़ियों , सकरे रास्तों , नदी-झरनो को पार कर के भी उससे मिलना चाहते थे , उनका मानना था कि यह विद्वान उनकी हर समस्या का समाधान कर सकता है .


इस बार भी कुछ लोग ढूंढते हुए उसकी कुटिया तक आ पहुंचे . पंडित जी ने उन्हें इंतज़ार करने के लिए कहा .


तीन दिन बीत गए , अब और भी कई लोग वहां पहुँच गए , जब लोगों के लिए जगह कम पड़ने लगी तब पंडित जी बोले ,” आज मैं आप सभी के प्रश्नो का उत्तर दूंगा , पर आपको वचन देना होगा कि यहाँ से जाने के बाद आप किसी और से इस स्थान के  बारे में  नहीं बताएँगे , ताकि आज के बाद मैं एकांत में रह कर अपनी साधना कर सकूँ …..चलिए अपनी -अपनी समस्याएं बताइये “

यह सुनते ही किसी ने अपनी परेशानी बतानी शुरू की , लेकिन वह अभी कुछ शब्द ही बोल पाया था कि बीच में किसी और ने अपनी  बात कहनी शुरू कर दी . सभी जानते थे कि आज के बाद उन्हें कभी पंडित जी से बात करने का मौका नहीं मिलेगा ; इसलिए वे सब जल्दी से जल्दी अपनी बात रखना चाहते थे . कुछ ही देर में वहां का दृश्य मछली -बाज़ार जैसा हो गया और अंततः पंडित जी को चीख कर बोलना पड़ा ,” कृपया शांत हो जाइये ! अपनी -अपनी समस्या एक पर्चे पे लिखकर मुझे दीजिये . “


सभी ने अपनी -अपनी समस्याएं लिखकर आगे बढ़ा दी . पंडित जी ने सारे पर्चे लिए और उन्हें एक टोकरी में डाल कर मिला दिया और बोले , ” इस टोकरी को एक-दूसरे को पास कीजिये , हर व्यक्ति एक पर्ची उठाएगा और उसे पढ़ेगा . उसके बाद उसे निर्णय लेना होगा कि क्या वो अपनी समस्या को इस समस्या से बदलना चाहता है ?”


हर व्यक्ति एक पर्चा उठाता , उसे पढता और सहम सा जाता . एक -एक कर के सभी ने पर्चियां देख ली पर कोई भी अपनी समस्या के बदले किसी और की समस्या लेने को तैयार नहीं हुआ; सबका यही सोचना था कि उनकी अपनी समस्या चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो बाकी लोगों की समस्या जितनी गंभीर नहीं है . दो घंटे बाद सभी अपनी-अपनी पर्ची हाथ में लिए लौटने लगे , वे खुश थे कि उनकी समस्या उतनी बड़ी भी नहीं है जितना कि वे सोचते थे .


मित्रों, ऐसा कौन होगा जिसके जीवन में एक भी समस्या न हो ? हम सभी के जीवन में समस्याएं हैं , कोई अपनी तबियत से परेशान है तो कोई दूसरों को मिल रही सुख संपत्ति से …हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि जीवन है तो छोटी -बड़ी समस्याएं आती ही रहेंगी , ऐसे में दुखी हो कर उसी के बारे में सोचने से अच्छा है कि हम अपना ध्यान उसके निवारण में लगाएं … और अगर उसका कोई समाधान ही न हो तो अन्य उत्पादित चीजों पर प्रकाश डालें… हमें लगता है कि सबसे बड़ी समस्या हमारी ही है पर विश्वास जानिए इस दुनिया में लोगों के पास इतनी बड़ी -बड़ी समस्याएं हैं कि हमारी तो उनके सामने कुछ भी नहीं … इसलिए ईश्वर ने जो भी दिया है उसके लिए ईश्वर के सदैव आभारी रहिये और एक खुशहाल जीवन जीने का प्रयास करिये .


   🌹🙏🏻🚩 *जय सियाराम* 🚩🙏🏻🌹