Thursday, April 20, 2017

रुद्राभिषेक से करें शि‍व जी को प्रसन्न, करेंगे हर इच्छा पूरी

महादेव को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय है रुद्राभिषेक. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सही समय पर रुद्राभिषेक करके आप शिव से मनचाहा वरदान पा सकते हैं. क्योंकि शिव के रुद्र रूप को बहुत प्रिय है अभिषेक तो आइए जानते हैं, रुद्राभिषेक क्यों है इतना प्रभावी और महत्वपूर्ण....
रुद्राभिषेक की महिमा

भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है. कहते हैं कि रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा सकते हैं तो आप भी सही समय पर रुद्राभिषेक करिए और शिव कृपा के भागी बनिए...
- रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं.
- शिव जी की कृपा से सारे ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है.
-शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है.
- रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ करते हैं.
- सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है.
- रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं.
- रुद्राभिषेक कोई भी कष्ट या ग्रहों की पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है.
कौन से शिवलिंग पर करें रुद्राभिषेक?
अलग –अलग शिवलिंग और स्थानों पर रुद्राभिषेक करने का फल भी अलग होता है. कौन से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना ज्यादा फलदायी होता है...

- मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम होता है.
- इसके अलावा घर में स्थापित शिवलिंग पर भी अभिषेक कर सकते हैं.
- रुद्राभिषेक घर से ज्यादा मंदिर में, नदी तट पर और सबसे ज्यादा पर्वतों पर फलदायी होता है.
- शिवलिंग न हो तो अंगूठे को भी शिवलिंग मानकर उसका अभिषेक कर सकते हैं.
अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने का फल
रुद्राभिषेक में मनोकामना के अनुसार अलग-अलग वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है. ज्योतिष मनाते हैं कि जिस वस्तु से रुद्राभिषेक करते हैं उससे जुड़ी मनोकामना ही पूरी होती है तो आइए जानते हैं कि कौन सी वस्तु से रुद्राभिषेक करने से पूरी होगी आपकी मनोकामना...
- जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अत: शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जलवृष्टि होती है। जल से अभिषेक करने से तेज ज्वर से भी शांत हो जाता है।
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से भगवान का अभिषेक करना चाहिए।
- गाय के दूध से अभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान प्राप्त होती है।
- शक्कर ‍‍‍मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की जड़ता समाप्त हो जाती है और बुद्धि श्रेष्ठ होती है।
- शहद से अभिषेक करने पर पापों का नाश हो जाता है। तपेदिक रोग से छुटकारा मिलता है।
- घी से अभिषेक करने पर जीवन में आरोग्यता आती है और वंशवृद्धि होती है।
- सरसों के तेल के भगवान का ‍अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है।
- मोक्ष की कामना के लिए तीर्थों के जल द्वारा अभिषेक किया जाता है।
- इक्षुरस से अभिषेक करने से दुर्योग नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने से इंसान विद्वान हो जाता है.
- शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं.
- गाय के दूध से अभिषेक करने से आरोग्य मिलता है.
- शक्कर मिले जल से अभिषेक करने से संतान प्राप्ति सरल हो जाती हैं.
- भस्म से अभिषेक करने से इंसान को मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- कुछ विशेष परिस्थितियों में तेल से भी शिव जी का अभिषेक होता है.
इन रसों द्वारा शुद्ध चित्त के साथ विधानुसार भगवान शिव का अभिषेक करने पर भगवान भक्त की सभी कामनाओं की पूर्ति करते हैं।
रुद्राभिषेक कब होता है सबसे उत्तम?
कोई भी धार्मिक काम करने में समय और मुहूर्त का विशेष महत्व होता है. रुद्राभिषेक के लिए भी कुछ उत्तम योग बनते हैं. आइए जानते हैं कि कौन सा समय रुद्राभिषेक करने के लिए सबसे उत्तम होता है...
- रुद्राभिषेक के लिए शिव जी की उपस्थिति देखना बहुत जरूरी है.
- शिव जी का निवास देखे बिना कभी भी रुद्राभिषेक न करें, बुरा प्रभाव होता है.
- शिव जी का निवास तभी देखें जब मनोकामना पूर्ति के लिए अभिषेक करना हो.
शिव जी का निवास कब मंगलकारी होता है?
देवों के देव महादेव ब्रह्माण्ड में घूमते रहते हैं. महादेव कभी मां गौरी के साथ होते हैं तो कभी-कभी कैलाश पर विराजते हैं. ज्योतिषाचार्याओं की मानें तो रुद्राभिषेक तभी करना चाहिए जब शिव जी का निवास मंगलकारी हो...
- हर महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी को शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.
- हर महीने कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या को भी शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.
- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और एकादशी को महादेव कैलाश पर वास करते हैं.
- शुक्ल पक्ष की पंचमी और द्वादशी तिथि को भी महादेव कैलाश पर ही रहते हैं.
- कृष्ण पक्ष की पंचमी और द्वादशी को शिव जी नंदी पर सवार होकर पूरा विश्व भ्रमण करते हैं.
- शुक्ल पक्ष की षष्ठी और त्रयोदशी तिथि को भी शिव जी विश्व भ्रमण पर होते हैं.
- रुद्राभिषेक के लिए इन तिथियों में महादेव का निवास मंगलकारी होता है.
शिव जी का निवास कब अनिष्टकारी होता है?
शिव आराधना का सबसे उत्तम तरीका है रुद्राभिषेक लेकिन रुद्राभिषेक करने से पहले शिव के अनिष्‍टकारी निवास का ध्यान रखना बहुत जरूरी है...
- कृष्णपक्ष की सप्तमी और चतुर्दशी को भगवान शिव श्मशान में समाधि में रहते हैं.
- शुक्लपक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और पूर्णिमा को भी शिव श्मशान में समाधि में रहते हैं.
- कृष्ण पक्ष की द्वितीया और नवमी को महादेव देवताओं की समस्याएं सुनते हैं.
- शुक्लपक्ष की तृतीया और दशमी में भी महादेव देवताओं की समस्याएं सुनते हैं.
- कृष्णपक्ष की तृतीया और दशमी को नटराज क्रीड़ा में व्यस्त रहते हैं.
- शुक्लपक्ष की चतुर्थी और एकादशी को भी नटराज क्रीड़ा में व्यस्त रहते हैं.
- कृष्णपक्ष की षष्ठी और त्रयोदशी को रुद्र भोजन करते हैं.
- शुक्लपक्ष की सप्तमी और चतुर्दशी को भी रुद्र भोजन करते हैं.
- इन तिथियों में मनोकामना पूर्ति के लिए अभिषेक नहीं किया जा सकता है.
कब तिथियों का विचार नहीं किया जाता?
कुछ व्रत और त्योहार रुद्राभिषेक के लिए हमेशा शुभ ही होते हैं. उन दिनों में तिथियों का ध्यान रखने की जरूरत नहीं होती है...
- शिवरात्री, प्रदोष और सावन के सोमवार को शिव के निवास पर विचार नहीं करते.
- सिद्ध पीठ या ज्योतिर्लिंग के क्षेत्र में भी शिव के निवास पर विचार नहीं करते.
- रुद्राभिषेक के लिए ये स्थान और समय दोनों हमेशा मंगलकारी होते हैं.
शिव कृपा से आपकी सभी मनोकामना जरूर पूरी होंगी तो आपके मन में जैसी कामना हो वैसा ही रुद्राभिषेक करिए और अपने जीवन को शुभ ओर मंगलमय बनाइए

aajtak.in [Edited by: वंदना यादव] नई दिल्ली, 28 March 2016

राशि के मुताबिक समस्याओं का समाधान

ज्योतिषी मानते हैं कि हर राशि के मुताबिक भगवान की पूजा से जुड़ी एक खास वस्तु होती है. इससे ईश्वर जल्दी प्रसन्न होते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि राशि के हिसाब किस तरह करें पूजा और पाएं अपनी समस्याओं का समाधान.

मेष राशिवालों के लिए :
- इनकी सबसे बड़ी समस्या मन की चंचलता है.
- हनुमान जी की उपासना से लाभ होगा.
- पूजा में लाल फूलों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

वृष राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या जिद्धी स्वभाव है.
- इसके लिए शिव जी की उपासना करें.
- पूजा में सफेद चन्दन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

मिथुन राशिवालों के लिए :
- दुविधा में होना सबसे बड़ी समस्या है.
- श्री कृष्ण की पूजा करना सर्वोत्तम है.
- पूजा में गुग्गल की धूप का इस्तेमाल करने से लाभ होगा.

कर्क राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या है- ज्यादा भावनात्मक होना.
- शिव जी की उपासना करना शुभ होगा.
- पूजा में शंख का प्रयोग करें, इसे जरूर बजाएं.

सिंह राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या है- जीवन में ज्यादा संघर्ष होना.
- इसके लिए सूर्य देव की उपासना करें.
- आपको पूजा में रोली का प्रयोग जरूर करें.


कन्या राशिवालों के लिए :
- आपकी सबसे बड़ी समस्या है- जरूरत से ज्यादा धन के पीछे भागना.
- इसके लिए आपको देवी मां की आराधना करनी चाहिए.
- आपको पूजा में शुद्ध घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए.

तुला राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या है- लापरवाह होना.
- भगवान कृष्ण की उपासना करें.
- आपको पूजा में सफेद फूलों का प्रयोग करना लाभदायक होगा.

वृश्चिक राशिवालों के लिए :
- समस्या- जिंदगी का धीरे चलना.
- इसके लिए आपको हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए.
- पूजा में तुलसी का इस्तेमाल जरूर करें.

धनु राशिवालों के लिए :
- समस्या- आपकी वाणी.
- इसके लिए आपको सूर्य की उपासना जरूर करनी चाहिए.
- प्रसाद में सफेद मिठाई चढ़ाना शुभ होगा.

मकर राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या है- अपनी सेहत के प्रति लापरवाही.
- इसके लिए शिव जी की उपासना करें.
- पीले रंग के आसन पर बेठकर पूजा करना सर्वोत्तम होगा.

कुंभ राशिवालों के लिए :
- समस्या- जरूरत से ज्यादा दूसरों के चक्कर में रहना.
- भगवान कृष्ण की उपासना जरूर करनी चाहिए
- पूजा में चन्दन की सुगंध वाली धूप का प्रयोग करें.


मीन राशिवालों के लिए :
- सबसे बड़ी समस्या जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही है.
- इसके लिए भगवान गणेश की उपासना करें.
- प्रसाद में लड्डू चढ़ाएं लाभदायक होगा.

कपूर के इन उपायों से नहीं होगी पैसे की कमी

अगर आपकी किस्मत आपका साथ नहीं दे रही तो निराश होने की जरूरत नहीं है. कपूर आपके जीवन की समस्याओं को दूर कर सकता है. धन समस्या, वास्तुदोष, बीमारियों सभी से कपूर आपको बचा सकता है. जानें कैसे:
- वास्तुदोष को दूर करने के लिए घर में कपूर की दो गोली रखें. जब यह गल जाए तो फिर दो गोलियां रख दें. समय-समय पर आप कपूर रखते रहें. इससे वास्तुदोष खत्म हो जाएगा.

- धन की कमी से गुजर रहे हैं तो कुछ दिनों तक रात के समय चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग को जलाएं.
- घर की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही तो कपूर को घी में भिगाएं और सुबह और शाम के समय इसे जलाएं. इससे निकलने वाली उर्जा से घर के अंदर सकारात्मक उर्जा आती है.

- बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं तो शनिवार को कपूर के तेल की बूंदों को पानी में डालें और फिर इस पानी से रोज स्नान करें.
- यदि विवाह में किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो 6 कपूर के टुकड़े और 36 लौंग के टुकडे लें. अब इसमें चावल और हल्दी को मिला लें. इसके बाद देवी दुर्गा को इससे आहुति दें.