Sunday, November 18, 2012

कैसा हो आपका किचन

महिलाओं का ज्यादातर समय किचन में ही व्यतीत होता है। वास्तुशास्त्रियों के मुताबिक यदि किचन का वास्तु सही न हो तो महिला और घर पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। किचन बनवाते समय कुछ बातों पर गौर करना जरूरी है, ताकि वहां पॉजिटिव एनर्जी बनी रहे। किचन की ऊँचाई 10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर होना चाहिए। किचन से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। किचन के बाजू में बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फ वाशिंग स्पेस दे सकते हैं। यदि 4-5 फीट में किचन की ऊँचाई हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

ध्यान रखें किचन में सूर्य की रोशनी जरूर आए। किचन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इससे पॉजिटिव एनर्जी आती है।

- किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना जिसे अग्निकोण (आग्नेय) कहते है, में ही बनवानी चाहिए। यदि इस कोण में किचन बनाना संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम कोण (वायव्य कोण) में बनवा सकते हैं।

- किचन का प्लेटफार्म पूर्व में ही होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण में चूल्हा लगाना चाहिए।

- किचन के दक्षिण में कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर ही रखें।

- रंग का चयन महिलाओं की कुंडली के आधार पर करना चाहिए।

- किचन में ग्रेनाइट फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मिरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।

- किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होनी चाहिए।

- पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ।

- किचन में कोई भी पावर प्वाइंट जैसे मिक्सर, ग्रांडर, माइक्रोवेव, ओवन को प्लेटफार्म में दक्षिण की तरफ रखना चाहिए। फ्रिज हमेशा वायव्य कोण में रखें।

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