Sunday, November 18, 2012

रंगों की कथा


*सबसे पहले हमें यह समझना चाहिए कि रंग 3 बुनियादी रंगों से व्यवहार करते हैं-सक्रिय, मंद एवं निर्पेक्ष।
*हल्के रंग विस्तार के सूचक एवं हवादार होते हैं और वे कमरे को बड़ा और चमकदार बनाते हैं।
*गाढ़े रंग बहुत मंझे हुए और सौहार्दपूर्ण होते हैं। वे एक बड़े कमरे को अपनेपन की आभा प्रदान करते हैं।
*चलिए जानते हैं, रंगों के बारे में कुछ और कि वे एक कमरे को क्या कर सकते हैं :

लाल रंग से कमरे का ऊर्जा स्तर बढ़ता है। जब आप खासतौर पर रात के समय उत्तेजना पैदा करना चाहते हैं तो इस रंग का चयन बहुत उपयुक्त रहता है।

बैठक हो या डाइनिंग रूम, लाल रंग लोगों को एक जगह एकत्र होने और वार्तालाप करने को प्रेरित करता है। किसी स्थान पर प्रवेश करने के रास्ते में लाल रंग बहुत सशक्त प्रभाव पैदा करता है। यह पाया गया है कि लाल रंग रक्तचाप को बढ़ाता है, श्वास गति को तेज करता है और दिल की धड़कन में वृद्धि करता है। बैडरूम के लिए इसे आमतौर पर अधिक उत्तेजनापूर्ण समझा जाता है लेकिन जब आप कमरे में रात के समय ही आते हैं और रोशनी जलाते हैं तो लाल रंग काफी मंद, घना और सौम्य लगता है। किसी भी अन्य रंग की उपेक्षा यह आप में अधिक जोश भरता है।

किरमची (क्रिमसन) रंग लोगों को चिड़चिड़ा बना देता है। इसे देखकर गुस्सा और विद्वेश बढ़ता है। इस रंग का बिल्कुल ही प्रयोग नहीं करना चाहिए। जिस कमरे की दीवारों पर यह रंग पेंट किया गया होता है वहां लंबे समय तक बैठना घर की शांति और समरसता पर बुरा प्रभाव डालता है।

पीला रंग : यह बहुत बातूनी रंग है। यह सूर्य की रोशनी की खुशी को जज्ब कर लेता है और उल्लास का संचार करता है। पीला रंग रसोई, डाइनिंग रूम एवं बाथरूमों के लिए एकदम सम्पूर्ण होता है क्योंकि वहां ऊर्जादायक एवं स्फूर्तिदायक रंगों की जरूरत होती है। हाल, ड्योढ़ी एवं छोटी जगहों पर पीला रंग विस्तारदायक  एवं अभिवादनीय लगता है। बेशक पीला रंग बहुत उल्लासपूर्ण है फिर भी कोई कमरा डिजाइन करते समय मेन कलर स्कीम में इसे प्रयुक्त करना ठीक नहीं। अध्ययनों से पता चलता है कि पीले इंटीरियर में लोग जल्दी गुस्से में आ जाते हैं। बच्चे भी पीले पेंट वाले कमरे में अधिक रोते हैं। यदि यह रंग बहुत अधिक मात्रा में प्रयुक्त किया जाए तो लोगों में गुस्से और हताशा की भावनाएं बढ़ती हैं। रंग चिकित्सा में यह माना जाता है कि पीला रंग तंतुओं को उत्तेजित करता है और काया को शुद्ध करता है।
नीला रंग : नीला रंग रक्तचाप को नीचे लाता है और श्वास एवं हृदय गति को मंद करता है। यही कारण है कि  इसे शांति प्रदायक, सुखद एवं  निर्मल माना जाता है और अक्सर बैडरूम तथा बाथरूम के लिए इसकी सिफारिश की जाती है लेकिन सावधान रहें कि नीला स्लेटी रंग जो किसी पट्टी पर तो बहुत प्यारा लगता है परंतु जब इसे खास तौर पर कुदरती रोशनी से भरे कमरे में दीवारों और फर्निशिंग पर बहुत अधिक मात्रा में उपयुक्त किया जाता है तो यह रोगकारक ठिठुरन का आभास देता है।

यदि आप किसी कमरे में प्राइमरी रंग के रूप में हल्के नीले का चयन करते हैं तो इसे फर्निशिंग और कपड़ों के गर्माहट देने वाले रंगों से संतुलित करें। सामाजिक स्थलों (बैठक, लिविंग रूम, बड़ी रसोई) में शांत भाव को प्रोत्साहित करने के लिए काशनी अथवा चमकदार नीले रंगों जैसे टर्कोयस या सैरूलियन जैसे सनिग्ध रंगों  को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह माना जाता है कि नीले रंग को कमरे में मुख्य रूप के रंग में प्रयुक्त किया जाए तो यह शांत भाव में वृद्धि करता है।

नीले रंग का हल्का शेड ही प्रयुक्त करना चाहिए। गाढ़े नीले रंग से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसका विपरीत प्रभाव होता है और यह उदासी की भावनाएं बढ़ाता है इसलिए अपनी मुख्य कलर स्कीम में गाढ़े नीले रंग को प्रयुक्त न करें।  

हरा रंग : हरा रंग आंखों को राहत पहुंचाता है। हरा रंग घर के किसी भी कमरे (लिविंग रूम, फैमिली रूम) के लिए सही रहता है। हरा रंग  तनाव से भी राहत पहुंचाता है। बैडरूम में हरा रंग प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाता है।

जामनी रंग : जामनी रंग लग्जरी और रचनात्मकता से जुड़ा हुआ है। हल्का जामनी रंग बैडरूम में आराम का अनुभव करवाता है। यह नीले रंग जैसे ही प्रभाव देता है।

संतरी रंग : संतरी रंग उत्सुकता व ऊर्जा को बढ़ाने वाला है। लिविंग व बैडरूम में लगाने के लिए यह रंग सही नहीं है। कसरत करने वाले कमरे में लगाने के लिए यह सही रंग है। पुराने समय से ही माना जाता रहा है कि यह रंग एनर्जी लैवल को बढ़ाने वाला है। तटस्थ या उदासीन रंग (काला, ग्रे, सफेद और ब्राऊन) ये  किसी डैकोरेटर की टूल किट के मूल रंग होते हैं। सभी तटस्थ स्कीमें फैशन में आती-जाती रहती हैं मगर इन रंगों की लचकता बनी रहती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक रूम को काले रंग की आवश्यकता होती है जो अन्य रंगों को गहराई प्रदान करता है।

रंगों का दीवारों व छतों पर प्रभाव
सीलिंग कमरे की 1/6 स्थान प्रस्तुत करती है मगर ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग ही प्रयोग में लाया जाता है। नियम के मुताबिक सीलिंग का अगर हल्का रंग हो तो दीवारें ऊंची लगती हैं। गहरे रंग की दीवारों से कमरा छोटा लगता है।  
♦ रीटा छाछी

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