Monday, April 23, 2012

सकारात्मक सोच


हमारा जीवन मुख्यतः हमारी सोच का ही जीवन होता है। हम जिस समय जैसा सोच लेते हैं, कम से कम कुछ समय के लिए तो हमारी जिंदगी उसी के अनुसार बन जाती है। यदि हम अच्छा सोचते हैं, तो अच्छा लगने लगता है और यदि बुरा सोचते हैं, तो बुरा लगने लगता है। इस तरह यदि हम यह नतीजा निकालना चाहें कि मूलतः अनुभव ही जीवन है, तो शायद गलत नहीं होगा। 

अपनी जिंदगी की खुशियों और दुःखों के बारे में सोचकर देखिए। आप यही पाएंगे कि जिन चीजों को याद करने से आपको अच्छा लगता है, वे आपकी जिंदगी को खुशियों से भर देती हैं और जिन्हें याद करने से बुरा लगता है, वे आपकी जिंदगी को दुखों से भर देती हैं।

आप बहुत बड़े मकान में रह रहे हैं लेकिन यदि उस मकान से जुड़ी हुई स्मृतियां अच्छी और बड़ी नहीं हैं तो वह बड़ा मकान आपको कभी अच्छा नहीं लग सकता। इसके विपरीत यदि किसी झोपड़ी में आपने जिंदगी के खूबसूरत लम्हे गुजारे हैं, तो उस झोपड़ी की स्मृति आपको जिंदगी का सुकून दे सकती हैं।

एक कहानी है- 

एक सेठजी प्रतिदिन सुबह मंदिर जाया करते थे। एक दिन उन्हें एक भिखारी मिला। इच्छा न होने के बाद भी बहुत गिड़गिड़ाने पर सेठजी ने उसके कटोरे में एक रुपए का सिक्का डाल दिया। सेठजी जब दुकान पहुंचे तो देखकर दंग रह गए कि उनकी तिजोरी में सोने की एक सौ मुहरों की थैली रखी हुई थी। रात को उन्हें स्वप्न आया कि मुहरों की यह थैली उस भिखारी को दिए गए एक रुपए के बदले मिली है। 

जैसे ही नींद खुली वे यह सोचकर दुखी हो गए कि उस दिन तो मेरी जेब में एक-एक रुपए के दस सिक्के थे, यदि मैं दसों सिक्के भिखारी को दे देता तो आज मेरे पास सोने की मुहरों की दस थैलियां होतीं। अगली सुबह वे फिर मंदिर गए और वही भिखारी उन्हें मिला। वे अपने साथ सोने की सौ मुहरें लेकर गए ताकि इसके बदले उन्हें कोई बहुत बड़ा खजाना मिल सके। उन्होंने वे सोने की मुहरें भिखारी को दे दीं। 

वापस लौटते ही उन्होंने तिजोरी खोली और पाया कि वहां कुछ भी नहीं था। सेठजी कई दिनों तक प्रतीक्षा करते रहे। उनकी तिजोरी में कोई थैली नहीं आई। सेठजी ने उस भिखारी को भी ढुंढवाया लेकिन वह नहीं मिल सका। उस दिन से सेठजी दुखी रहने लगे। 

सेठजी ने यह जो समस्या पैदा की, वह अपने लालच और नकारात्मक सोच के कारण ही पैदा की। यदि उनमें संतोष होता और सोच की सकारात्मक दिशा होती तो उनका व्यक्तित्व उन सौ मुहरों से खिलखिला उठता। फिर यदि वे मुहरें चली भी गईं, तो उसमें दुखी होने की क्या बात थी, क्योंकि उसे उन्होंने तो कमाया नहीं था लेकिन सेठजी ऐसा तभी सोच पाते, जब वे इस घटना को सकारात्मक दृष्टि से देखते। इसके अभाव में सब कुछ होते हुए भी उनका जीवन दुखमय हो गया। 

इसलिए यदि आपको सचमुच अपने व्यक्तित्व को प्रफुल्लित बनाना है तो हमेशा अपनी सोच की दिशा को सकारात्मक रखिए। किसी भी घटना, किसी भी विषय और किसी भी व्यक्ति के प्रति अच्छा सोचें, उसके विपरीत न सोचें। दूसरे के प्रति अच्छा सोचेंगे, तो आप स्वयं के प्रति ही अच्छा करेंगे। कटुता से कटुता बढ़ती है। मित्रता से मित्रता का जन्म होता है। आग, आग लगाती है और बर्फ ठंडक पहुंचाती है। 

सकारात्मक सोच बर्फ की डल्ली है जो दूसरे से अधिक खुद को ठंडक पहुंचाती है। यदि आप इस मंत्र का प्रयोग कुछ महीने तक कर सके तब आप देखेंगे कि आप के अंदर कितना बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन हो गया है। जो काम सैकड़ों ग्रंथों का अध्ययन नहीं कर सकता, सैकड़ों सत्संग नहीं कर सकते, सैकड़ों मंदिर की पूजा और तीर्थों की यात्राएं नहीं कर सकते, वह काम सकारात्मकता संबंधी यह मंत्र कर जाएगा। आपका व्यक्तित्व चहचहा उठेगा। आपके मित्रों और प्रशंसकों की लंबी कतार लग जाएगी। 

आप जिससे भी एक बार मिलेंगे, वह बार-बार आपसे मिलने को उत्सुक रहेगा। आप जो कुछ भी कहेंगे, उसका अधिक प्रभाव होगा। लोग आपके प्रति स्नेह और सहानुभूति का भाव रखेंगे। इससे अनजाने में ही आपके चारों ओर एक आभा मंडल तैयार होता चला जाएगा। यही वह व्यक्तित्व होगा, जो अपने परीक्षण की कसौटी पर शत-प्रतिशत खरा उतरेगा-24 कैरेट स्वर्ण की तरह। 

आप पर निर्भर करते हैं परिणाम 
अगर आपने ध्यान सकारात्मकता पर केंद्रित कर लिया तब न केवल अच्छे विचार आएंगे, बल्कि आप स्वयं के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ हो पाएंगे। यह स्थिति आते ही आपके कार्यों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ना आरंभ हो जाएगा। एक बार आपके मन में सकारात्मकता के विचार आना आरंभ हो गए तब आप अपने आपमें स्वयं ही परिवर्तन देखेंगे और यह परिवर्तन आपके साथियों को भी नजर आने लगेगा।

सकारात्मकता के कारण ही कंपनियां अपने कर्मचारियों को आगे बढ़ने का मौका देती हैं। यही नहीं, कंपनियां अब इस बात को पहले इंटरव्यू में ही जान लेती हैं कि आने वाले व्यक्ति का स्वभाव कैसा है। क्या वह सकारात्मकता में विश्वास रखता है कि नहीं? वह नकारात्मक परिस्थितियों में किस प्रकार की प्रतिक्रिया देता है? क्या वह केवल दिखावे के लिए सकारात्मकता का चोला ओढ़े हुए है? कोई भी कंपनी ऐसा कर्मचारी नहीं रखना चाहती, जिसकी नकारात्मक विचारधारा हो। इसलिए 'थिंक पॉजीटिव...एक्ट पॉजीटिव'।

नकारात्मक सोच से ऐसे बचें 
सकाराकता अपने आपमें सफलता, संतोष और संयम लेकर आती है। व्यक्ति मूलतः सकारात्मक ही रहता है, परंतु कई बार नकारात्मक कदमों के कारण असफलता हाथ लग जाती है। इस असफलता का व्यक्ति पर कई तरह से असर पड़ता है। वह भावनात्मक रूप से टूटता है, वहीं इन सभी का असर उसके व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। व्यक्तित्व पर असर लंबे समय के लिए पड़ता है तथा वह कई बार अवसाद में भी चला जाता है। 

ऐसी स्थिति से बाहर आने में काफी लंबा समय भी लग सकता है। नकारात्मकता से आखिर कैसे बचे? क्योंकि प्रोफेशनल वर्ल्ड में हमें तरह-तरह के लोगों से मिलना पड़ता है। साथ ही अपने आपको प्रतिस्पर्धा के इस युग में आगे बनाए रखने के लिए भी तरह-तरह के जतन करना पड़ते हैं। ऐसे में हम अपने आपको सकारात्मक बनाए रखने के लिए स्वयं ही प्रयत्न कर सकते हैं।

परिस्थितियों को पहचानें
अक्सर हमारे मन में कोई भी आवश्यक कार्य या कोई बिजनेस मीटिंग के पूर्व नकारात्मक विचार आते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो? अगर मीटिंग सफल नहीं हुई तब? मेरा फर्स्ट इम्प्रेशन गलत पड़ गया तो फिर क्या होगा? इस प्रकार के प्रश्न मन में आते जरूर हैं। इनसे पीछा छु़ड़ाने के लिए इन बातों का अध्ययन करें कि आखिर ये प्रश्न कौन-सी परिस्थितियों में उपजते हैं। फिर इन समस्याओं से छुटकारा पाने की कोशिश करें, सकारात्मक सोच बनाए रखें। 

इन परिस्थितियों में संभलना सीखें
जिन परिस्थितियों में नकारात्मक विचार आते हैं, उनसे सही तरीके से सामना करना सीखें। इस बात की तरफ ध्यान दें कि इन परिस्थितियों के दौरान अब आप पहले जैसी प्रतिक्रिया नहीं देंगे और इस दौरान संयमित होकर स्वयं के सफल होने की ही कामना स्वयं से करेंगे। आप ऐसा करेंगे तो आप देखेंगे कि जो नकारात्मक विचार आ रहे हैं वह धीरे-धीरे पॉजीटिव सोच मे बदल जाएंगे। 

स्वयं से तर्क करना सीखें
नकारात्मकता का जवाब सकारात्मकता के अलावा कुछ भी नहीं हो सकता यह बात मन में बैठा लें। इसके बाद जो भी नकारात्मक विचार मन में आए उसके साथ तर्क करना सीखें और वह भी सकारात्मकता के साथ। जिस प्रकार से नकारात्मक विचार लगातार आते रहते हैं, ठीक उसी तरह से आप स्वयं से सकारात्मक विचारों के लिए स्वयं को प्रेरित करें और अपने प्रयासों में सफलता हासिल करें।

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