Monday, November 12, 2012

मन के दीये


रोशनी का यह पर्व अपने भीतर के अंधेरों को दूर कर मन के दीयों को जलाने की प्रेरणा भी देता है। इस दीपावली नए सिरे से उम्मीदों के दीये जलाएं और उसे पूरा करने में जी-जान से जुट जाएं..

आज दीपावली है। रोशनी और खुशी का पर्व। इस शुभ अवसर पर हम अपने घर-आंगन की गंदगी को अच्छी तरह साफ करते और दीवारों का रंग-रोगन करते है। घर-बाहर को खूबसूरती से सजाते है। मन में कई दिन पहले से खुशियों की फुलझड़ियां छूट रही होती है। जिन्हे दीवाली से ठीक पहले नौकरी मिल गई है या जिन्हे किसी परीक्षा में कामयाबी मिली है, उनके लिए इस प्रकाश पर्व की खुशियां नि:संदेह और बढ़ गई होंगी। हालांकि करियर और तरक्की के लिए जद्दोजहद कर रहे उन युवाओं के लिए जलते दीये और फुलझड़ियां कहीं न कहीं टीस भी पैदा कर रही होंगी, लेकिन उन्हे हताशा से बचते हुए प्रकाश के इस पर्व से प्रेरणा लेते हुए अपने मन को रोशन करने पर ध्यान देना चाहिए।

भीतर भी झांकें:
दीपावली के इस मौके पर घर को तो जरूर चमकाएं, लेकिन इसके साथ-साथ अपने भीतर बैठे अंधेरे को पहचान कर उसे जल्द से जल्द दूर भगाने का उपक्रम करे। आमतौर पर होता यह है कि हम ऊपरी साफ-सफाई करके ही संतुष्ट हो जाते है। अपने भीतर उग आई गंदगी, जालों और अंधेरे बंद कमरों को साफ करके उनमें उजाला भरने की सुध हमें नहीं आती। दरअसल, हम एक तरह से खुद से अनजान रहते है और अपने मन में छिपकर बैठे अंधेरों को पहचान ही नहीं पाते। यह जान ही नहीं पाते मन के इस अंधेरे से जीवन और करियर में हमें कितना नुकसान हो रहा है।

मन का उजाला:
दीप पर्व हमें मौका देता है कि हम खुद के भीतर भी झांक कर देखें। कहीं हमारे भीतर जाने-अनजाने अंधेरे का कोई दानव तो नहीं छिपा बैठा है। उसे तलाशें। उसे वहां से निकालें और मन को झाड़-पोंछकर चमकाएं, ताकि उससे गंदगी की परत हट जाए। यह गंदगी दूर होगी, तभी मन चमकेगा। जगमगाएगा। एक बार स्याह परत को हटा देने के बाद ध्यान रखें कि फिर से यह जमने न पाए, क्योंकि आपकी सफलता-असफलता में आपके मन का सबसे बड़ा हाथ होता है। अपने मन के भीतर उम्मीदों के दीये जलाएं, जो हर समय रोशन रहें। आज के समय में हर व्यक्ति के मन में रोशनी का यह दीया हमेशा जलते रहना चाहिए।

रोशनी की किरण:
मन में उम्मीद का दीया जल जाने के बाद उससे निकलने वाली ज्योति हर पहल आपके रास्तों को रोशन करती रहेगी। जब कभी आप हताश या निराश होंगे, आपको अपने भीतर से ही प्रकाश निकलता महसूस होगा, जो आपको अंधेरे की ओर जाने से बचाते हुए आपकी राह को सदा रोशन रखेगा।

बनाएं नए रास्ते:
मंदी और महंगाई के बीच आज मनपसंद करियर चाहने वालों के लिए मुश्किलें पहले से कहीं ज्यादा है। अवसर कम है और दावेदार ज्यादा। ऐसे में कामयाबी कुछ को ही मिलती है। बाकी बेबस हाथ मलते और दूसरों से रश्क करते रह जाते है। लेकिन मुश्किलें है तो रास्ते भी है। जो ढूंढेगा, वह पाएगा। आज के समय में विकल्पों की कमी नहीं है। अपने आपको किसी सीमा में न बांधें। बाड़े तोड़े। बनी-बनाई लकीर या रास्तों पर चलने के बजाय नए रास्ते बनाएं और साहस के साथ उस पर आगे बढ़े। रास्ता कहीं न कहीं तो निकलेगा ही। याद करे कोलंबस अगर डर कर हिम्मत हार बैठा होता, तो क्या आज अमेरिका सबके सामने होता। दिशा सूचक यंत्र खराब हो जाने और अपने नाविकों की चेतावनी के बावजूद उसने सिर्फ साहस के बल पर न केवल आगे बढ़कर दिखाया, बल्कि एक नई दुनिया खोज दी।

भरोसा बढ़ाएं:
एक बात गांठ बांध लें, अगर आपने एक बार अपने मन के अंधेरे को दूर कर वहां दीया जला लिया, तो फिर आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं रह जाएगा। मन के उजाले के साथ खुद पर आपका भरोसा भी बढ़ जाएगा, जो आपकी ताकत बनकर झलकेगा। जीत और कामयाबी के लिए भरोसा ही सबसे बड़ा शस्त्र है। आत्मविश्वास के बिना बड़े से बड़े पहलवान को भी धूल चाटते देर नहीं लगती और पिद्दी समझा जाने वाला व्यक्ति अपने कॉन्फिडेस के बल पर ही सूरमा बन जाता है। इसलिए अपने भरोसे को जगाएं और उसे अपनी शक्ति बनाएं।

पीछे नहीं आगे:
आप यह कतई न सोचें कि आपने अब तक क्या-क्या गंवाया है? कहां-कहां आपको असफलता हाथ लगी है? क्यों आप सबसे पीछे रह जाते है? यह न सोचें कि आप तो हर काम में हमेशा नाकाम ही होते रहे है और आगे भी ऐसा ही होगा। अतीत में जो हो गया, सो हो गया। इस दलदल से खुद को बाहर निकालें। अब आप आगे की ओर देखें। अगर आप ठान लें, तो कोई भी आपकी चाही हुई मंजिल तक पहुंचने से आपको रोक नहीं सकता। हां, इसके लिए कोई दूसरा सहारा नहीं बनेगा। मुश्किलों-झंझावातों का मुकाबला करते हुए आपको खुद आगे बढ़ना होगा। इस दौरान न तो हिम्मत हारे और न ही घुटने टेकें। मन को मजबूत करते हुए पूरी ताकत से आगे बढ़े। अवरोधों की परवाह न करे, क्योंकि अवरोध तो आएंगे ही। एक बार अवरोधों को पार कर लिया, तो फिर आपकी जीत पक्की है।

खुद को करे तैयार:
मन में दीपक जलाने और अंधेरे से मुकाबला करने के लिए अपने आपको हर तरह से तैयार भी करना होगा। अपने भीतर झांककर अपनी कमजोरियां तलाशनी होंगी और उन्हे एक-एक करके दूर करना होगा। हो सकता है कि एक-दो सफलता हासिल कर लेने के बाद ही आप ओवर-कॉन्फिडेस और आत्ममुग्धता के शिकार हो जाएं। आपका इनसे बचना बेहत जरूरी है, क्योंकि अगर एक बार इनके चंगुल में फंस गए, तो फिर आगे जाना मुश्किल हो जाएगा। यह भी ध्यान रखें कि कमजोरी हर समय आपके ऊपर आक्रमण करके आपको अपनी चपेट में लेना चाहेगी, लेकिन आपको इससे बचना होगा। इसके अलावा, समय-समय पर अपना मूल्यांकन-आत्मविश्लेषण भी करते रहना होगा।

समय के साथ-साथ:
वर्तमान टेक्नो-एज में बदलाव बहुत तेज हो गया है। ऐसे में वक्त के साथ-साथ चलना बहुत जरूरी हो गया है। जो ऐसा नहीं करेगा, जाहिर है कि वह पीछे छूट जाएगा। खुद को जागरूक और अपडेट रखने के लिए आज के समय में प्रचलित टेक्नोलॉजी और अन्य टूल्स के बारे में जानना-समझना और उन्हे अपनाना भी जरूरी है। अपनी आंखें और कान खुले रखें, ताकि ताजी हवा के झोंके आपको भी हर समय तरोताजा रखें। इस राह पर चलकर ही आप कामयाबी की रोशन राहों पर लगातार आगे बढ़ते रहेगे। कोई भी चुनौती सामने आने पर निर्भय होकर उसका सामना कर सकेंगे।

हर पल उजाला:
मन में उम्मीदों का दीया जलाकर, खुद को अच्छी तरह तैयार करके, अपना कॉन्फिडेस बढ़ाकर, वक्त के साथ चलते हुए आप हर पल रोशनी के साथ रह सकते है। मन से मजबूत और कॉन्फिडेट होने पर हर मंजिल आपको आसान लगेगी। ऐसे में जब भी आपको कोई जीत मिलेगी, तो किसी दीवाली से कम नहीं होगी। .. इस दीपावली आपके मन में उम्मीदों और खुशी का दीया जले, इसी शुभकामना के साथ..।
- इस दीपावली घर के साथ-साथ मन को भी टटोलें और उसे साफ-सुथरा कर उम्मीद का दीया जलाएं।
- अपने भीतर झांकते हुए अपनी कमजोरियों को जानें-समझें और उन्हे दूर करते हुए खुद को मजबूत बनाएं।
- मन का दीया जलाकर और अपने आपको साम‌र्थ्यवान बनाकर आप अपना कॉन्फिडेस बढ़ा सकते है।
[अरुण श्रीवास्तव]

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