Monday, April 23, 2012

खुशी के लिए

बीते समय की चीर-फाड़ कर समय बर्बाद करने के बजाय भविष्य को सुधारने के बारे में विचार करें। 

हर किसी को माफ कर करें। 

बदला लेने के लिए कोई कितना भी उकसाए, ऐसा नहीं करें। 

ज्यादा भावुक हुए बिना ही जिनसे प्यार है उनका साथ दें। 

यथार्थ व तर्क को अहमियत देते हुए भी दिल की भी सुनें। 

कोशिश करें कि छोटे-मोटे अरमान पूरे करते चलें ताकि जीने का मजा मिलता रहे।

ज्योतिष विद्या से मिली सूचनाओं पर केवल अच्छे पहलुओं पर यकीन करें और चिंता वाली बातों को झूठा मानें ताकि गंडे-तावीज के चक्कर में आपकी जेब खाली न हो।

इंटरनेट, फेसबुक व फोन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होकर रूबरू होकर संवाद का मजा लें। 

अपने चाहनेवालों के सीधे संपर्क में रहें ताकि हौसला बना रहे। 

नैतिकता का वही पैमाना अपने लिए भी तय करें जो दूसरों के लिए रखें। 

अपने जलनशील स्वभाव के कारण दूसरों का सुख चैन न लूटें।

अपने को खाने-पीने से वंचित कर त्याग व बलिदान करने जैसी कसम या संकल्प न लें, यह मूलतः अपनों को प्यार नहीं सजा देने के लिए होता है।

किसी भी प्रकार की अति से बचने की कोशिश करें। 

बार-बार अपना मन न बदलें, एक विचार पर टिककर रहें ताकि स्थिरता रहे। 

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